Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
16 Sep 2022 · 1 min read

मीरा के घुंघरू

लोग छुपाते हैं क्यों सबसे
इसे बदनामी की तरह
भरी सभा में आंख में आते
हुए पानी की तरह…
सारी लक्ष्मण रेखाएं लांघकर
अपने पैरों में घुंघरू बांधकर
वह प्यार ही क्या जो नचा दे
ना मीरा रानी की तरह…
मेरा दिल टूटा भी तो क्या हुआ
मेरा चैन लुटा भी तो क्या हुआ
मैं मातम मनाऊं क्यों इसका
किसी नाकामी की तरह…
जैसे कांटों में हंस कर चलती रही
जैसे आग में ज़िंदा जलती रही
मैं प्याला विष का भी पीऊंगी
एक दीवानी की तरह…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#love #पुकार #cry #sad #lyricist
#Radha #meera #RomanticRebel

Loading...