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5 Sep 2022 · 1 min read

✍️वो महान गुरु थे✍️

✍️वो महान गुरु थे✍️
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गुरु का पहला स्थान
तो माँ के चरणों में ही
होता है…
जीवन के सारे धुप छाँव
का ज्ञान तो उन्ही से प्राप्त
होता है…

गुरु का दूसरा स्थान
तो पिता के हाथों में पाया
जाता है…
जिंदगी के सारे सुखों दुःखो
के कठिन संघर्ष की जमापूंजी
का विस्तृत अनुभव उन्ही के तिजोरी
में मिलता है…

और हम सब के लिए इनके
एक पितामह गुरु थे जो
इस महान भारतवर्ष के गुरुजनों के गुरु थे
भारत के सामाजिक मूल्यों के गुरु
भारत के शैक्षणिक धरोहर के गुरु
भारत के आर्थिक विकास के गुरु
भारत के राजकिय उत्थान के गुरु
वही इस आधुनिक भारत के श्रेष्ठ गुरु थे
हमारे जीवन के मुक्तिदाता थे
वो ही संविधान के शिल्परूपी गुरु थे

मेरे लिए गुरुओं के गुरु
उनके अलावा दूसरे
कोई इस जग में मिले नहीं
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✍️’अशांत’ शेखर✍️
05/09/2022

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