Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
2 Sep 2022 · 1 min read

सपनों में खोए अपने

वो नींद में सोए हैं
कितने सुकून से सोए हैं
देखकर खुशी हो रही है
जो वो सपनों में खोए हैं

है वो जहान मेरा
मेरे साथ ही सोए हैं
है रहमत ऊपरवाले की
हम साथ ही सोए हैं

देखकर खुशी चेहरे पर इनके
खुशी होती है मुझे भी
जब नींद आती है इनको, तभी
नींद आती है मुझे भी

उठाया है जल्दी, रब ने मुझे
यही दृश्य देखने को आज
देखकर इनके चेहरे पर सुकून
मुझे भी मिल रहा सुकून आज

है मेरा हमसफ़र भी नींद में
दिनभर के काम से थक गया है
आराम चाहिए उसको भी थोड़ा
अपनी दिनचर्या से पक गया है

उठाने की कोशिश करूं बच्चे को तो
और सोने की जिद्द करता है वो
हो रहा स्कूल जाने का समय
लेकिन थोड़ा और सोना चाहता है वो

हो गई अब सुबह, है रोशनी चारों ओर
कह रही है वो जगने को सबको
लेकिन, मैं चाहता हूं ऐसे ही सोते हुए
देखता रहूं कुछ देर और इन दोनों को।

Loading...