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19 Feb 2024 · 1 min read

राखी की यह डोर।

राखी की यह डोर।

बाँधा इसने भाई-बहन को
धरती प्यारी और गगन को,
चाँद – सितारे और बँधा है
ज्योति – कलश ले भोर।
राखी की यह डोर।

भाई-बहन का बंधन प्यारा
स्नेह-सुमंगल, सुखद सहारा,
केसर, चंदन, रोली दमके
कुमकुम है चहुँओर।
राखी की यह डोर।

बाँध रेशमी धागा कर में
हर्ष बहन ले आयी घर में ,
चहल-पहल, रौनक, रागों से
मन के आँगन शोर।
राखी की यह डोर।।

बहन सदा तू रहे सलामत
तुझे न शनि कर पाये आहत,
अश्रुनीर से कभी न भीगे
आँचल की सित कोर।
राखी की यह डोर।

अनिल मिश्र प्रहरी।

Language: Hindi
1 Like · 195 Views
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