Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2022 · 1 min read

थे गुर्जर-प्रतिहार के, सम्राट मिहिर भोज

थे गुर्जर-प्रतिहार के, सम्राट मिहिर भोज
तेज चमकता सूर्य सम, मुखमण्डल पर ओज

रहा ‘पचासी—आठ सौ’, तलक आपका राज
बने ‘छत्तीस—आठ सौ’, मिहिर जी महाराज

उत्तर में थी नर्मदा, हिम का पर्वतराज
पूरब में बंगाल तक, थे मिहिर महाराज

मिहिर भोज प्रतिहार के, शासक बड़े महान
अरबी हमले रोकते, बढ़ी राष्ट्र की शान

मिहिरभोज के राज में, उत्तम सिक्के वाह
विष्णु उपासक को मिला, नाम ‘आदिवाराह’

पुत्र महेंद्रपाल बने, राजा इनके बाद
पिताश्री रामभद्र थे, सदैव उनको याद

•••

_________________________
*सम्राट मिहिर भोज के काल के सिक्कों पर ‘आदिवाराह’ की उपाधि मिलती है, जिससे यह अनुमान लगाया जाता है कि ये विष्णु के उपासक थे।

Language: Hindi
1 Like · 668 Views
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all

You may also like these posts

धनतेरस और रात दिवाली🙏🎆🎇
धनतेरस और रात दिवाली🙏🎆🎇
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
समाज को जगाने का काम करते रहो,
समाज को जगाने का काम करते रहो,
नेताम आर सी
मौजूदा ये साल मयस्ससर हो जाए
मौजूदा ये साल मयस्ससर हो जाए
Shweta Soni
*रात से दोस्ती* ( 9 of 25)
*रात से दोस्ती* ( 9 of 25)
Kshma Urmila
23/83.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/83.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बाबा लक्ष्मण दास की समाधि पर लगे पत्थर पर लिखा हुआ फारसी का
बाबा लक्ष्मण दास की समाधि पर लगे पत्थर पर लिखा हुआ फारसी का
Ravi Prakash
प्रेम भरी नफरत
प्रेम भरी नफरत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कविता
कविता
Meera Thakur
कितना और सहे नारी ?
कितना और सहे नारी ?
Mukta Rashmi
मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
Abhishek Soni
ऐ जिन्दगी
ऐ जिन्दगी
Ragini Kumari
मेरी जातक कथा
मेरी जातक कथा
उमा झा
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
मुझसे न पूछ दिल में तेरा क्या मुक़ाम है ,
मुझसे न पूछ दिल में तेरा क्या मुक़ाम है ,
Dr fauzia Naseem shad
रामचरितमानस
रामचरितमानस
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
तेरे संग
तेरे संग
seema sharma
एक चंचल,बिंदास सी छवि थी वो
एक चंचल,बिंदास सी छवि थी वो
Vaishaligoel
चुनी हुई चुप्पियां
चुनी हुई चुप्पियां
Shekhar Chandra Mitra
सविनय निवेदन
सविनय निवेदन
कृष्णकांत गुर्जर
धरती मां का विज्ञानी संदेश
धरती मां का विज्ञानी संदेश
Anil Kumar Mishra
अल्फाज़
अल्फाज़
हिमांशु Kulshrestha
मोदी का अर्थ महंगाई है ।
मोदी का अर्थ महंगाई है ।
Rj Anand Prajapati
छंद का आनंद घनाक्षरी छंद
छंद का आनंद घनाक्षरी छंद
guru saxena
"मुश्किलों से मुकाबला कर रहा हूँ ll
पूर्वार्थ
"पुतला"
Dr. Kishan tandon kranti
है नयन में आस प्यासी।
है नयन में आस प्यासी।
लक्ष्मी सिंह
🙅दूसरा पहलू🙅
🙅दूसरा पहलू🙅
*प्रणय*
अब आदमी के जाने कितने रंग हो गए।
अब आदमी के जाने कितने रंग हो गए।
सत्य कुमार प्रेमी
जिंदगी के पाठ
जिंदगी के पाठ
Dijendra kurrey
Loading...