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27 Aug 2022 · 1 min read

क्यू करती है इतना एतबार

तेरे चेहरे में यह जो खुमार है ,
जो पीटी हुई ललकार है ,
क्यू करती हैं इतना एतबार ,
परत पर परत सिर्फ झुर्रियों का डर है ।

यू बिक गए तेरे आशिक तेरे हुस्ने -ए- सार पर ,
थम सी गई तेरी रौनक़ यू बढ़ते बाजार में ,
क्यू करती हैं इतना एतबार ,
परत पर परत सिर्फ झुर्रियों का डर हैं ।

~rohit

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