Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2022 · 1 min read

ग़ज़ल

ग़ज़ल
वज़्न – 212 212 212 212

जिस्म मिट्टी हुआ रूह जाती रही
फिर न दीपक रहा औ’र न बाती रही ।

उसको हर हाल में ग़म छिपाना ही था
तो हँसी का मुखौटा लगाती रही ।

नाम बदनाम तो लकड़ियों का हुआ
पर हवा ही चिता को जलाती रही ।

आशियाने तलक पंछी उड़ना तो था
धूप लेकिन परों को जलाती रही ।

भूल जाने की कोशिश तो की थी बहुत
बेवफ़ा की मगर याद आती रही ।

– अखिलेश वर्मा
मुरादाबाद
9897498343

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 322 Views

You may also like these posts

पहचान धूर्त की
पहचान धूर्त की
विक्रम कुमार
" सच्चाई "
Dr. Kishan tandon kranti
सावरे वो दिन भी, जरूर आयेगा।
सावरे वो दिन भी, जरूर आयेगा।
श्याम सांवरा
व्यर्थ है मेरे वो सारे श्रृंगार,
व्यर्थ है मेरे वो सारे श्रृंगार,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
" रहस्मयी आत्मा "
Dr Meenu Poonia
भावना का कलश खूब
भावना का कलश खूब
surenderpal vaidya
माँ आज भी मुझे बाबू कहके बुलाती है
माँ आज भी मुझे बाबू कहके बुलाती है
डी. के. निवातिया
ख्वाब और हकीकत
ख्वाब और हकीकत
Kanchan verma
“कब मानव कवि बन जाता हैं ”
“कब मानव कवि बन जाता हैं ”
Rituraj shivem verma
नज़र में मेरी तुम
नज़र में मेरी तुम
Dr fauzia Naseem shad
एक अरसा
एक अरसा
Bhupendra Rawat
ग़ज़ल : कौन आया है ये मेरे आशियाने में
ग़ज़ल : कौन आया है ये मेरे आशियाने में
Nakul Kumar
पापी मनुष्य
पापी मनुष्य
Rahul Singh
पुनर्जागरण काल
पुनर्जागरण काल
Dr.Pratibha Prakash
#चुनावी मौसम में-
#चुनावी मौसम में-
*प्रणय*
सुप्रभात
सुप्रभात
Sonam Puneet Dubey
कई खयालों में...!
कई खयालों में...!
singh kunwar sarvendra vikram
बाजार  में हिला नहीं
बाजार में हिला नहीं
AJAY AMITABH SUMAN
प्रतिस्पर्धाओं के इस युग में सुकून !!
प्रतिस्पर्धाओं के इस युग में सुकून !!
Rachana
जिंदगी में -
जिंदगी में -
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
4797.*पूर्णिका*
4797.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बहस लड़ाने की आदत,
बहस लड़ाने की आदत,
Buddha Prakash
पीयूष गोयल के २० सकारात्मक विचार.
पीयूष गोयल के २० सकारात्मक विचार.
Piyush Goel
न मुझको दग़ा देना
न मुझको दग़ा देना
Monika Arora
दिये को रोशन बनाने में रात लग गई
दिये को रोशन बनाने में रात लग गई
डॉ. दीपक बवेजा
वक्त बड़ा बेरहम होता है साहब अपने साथ इंसान से जूड़ी हर यादो
वक्त बड़ा बेरहम होता है साहब अपने साथ इंसान से जूड़ी हर यादो
Ranjeet kumar patre
इश्क के कई जहाजों सहित.. डूब के किनारे पर आए हैं हम...!!
इश्क के कई जहाजों सहित.. डूब के किनारे पर आए हैं हम...!!
Ravi Betulwala
*आजादी अक्षुण्ण हो, प्रभु जी दो वरदान (कुंडलिया)*
*आजादी अक्षुण्ण हो, प्रभु जी दो वरदान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आओ सजन प्यारे
आओ सजन प्यारे
Pratibha Pandey
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
Shweta Soni
Loading...