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22 Aug 2022 · 1 min read

रेहड़ी

रोज सुबह होते ही
निकल पड़ता हूँ
मैं अपने घोंसले से बाहर

स्वयं के और
परिवार के उदर पुष्टि के
इंतजाम में

हाथ में रेहड़ी थामे
चल पड़ता हूँ
दस किलोमीटर दूर
बड़े बाज़ार की ओर

कुछ आस लिए
कुछ सपने सजाये

छोटी बच्ची
जिद कर रही थी
एक नई फ्रॉक के लिए

शायद आज उसकी ख्वाहिश
पूरी कर सकूं

बेटे को रेहड़ी वाला
नहीं बनाना है
वह स्कूल जाता है
उसकी किताबें , यूनिफार्म
और
एक साइकिल का इंतजाम

मेरे ये सपने
मुझे प्रेरित करते हैं

प्रत्येक अगली सुबह
उत्साहित हो बढ़ चलता हूँ

अपनी जीवन संगिनी
रेहड़ी के साथ

मेरे सपनों का आधार
मेरे आशियाँ के
सपनों की जीवन साथी
मेरे सपनों का आधार

धुप हो या बारिश
ठण्ड हो या सर्द

हर एक परिस्थिति में
मेरा और
मेरे परिवार का
साथ निभाने वाली
एकमात्र रेहड़ी

कभी किसी पेड़ की छाँव में
कभी उदास गर्म दिन में
या हो
सर्द धुंध के बीच
मेरा साथ निभाती

मेरी रेहड़ी मेरे बच्चों के
चेहरे पर
मुस्कार बिखेरती

मेरी जीवनसंगिनी के श्रृगार का
आधार होती

दो वक़्त की भूख से
निजात दिलाती

छोटे – छोटे सपनों का
विस्तार होती मेरी रेहड़ी

जब कभी बीमार हो जाता हूँ

मेरी रेहड़ी भी
गुमसुम सी
एक ओर अकेलेपन के
एहसास में डूब जाती है

रेहड़ी केवल मेरी आय का
जरिया नहीं
बल्कि
नन्हे – नन्हे सपनों की
उड़ान है

मेरी रेहड़ी केवल
रेहड़ी नहीं है ……………………….

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