*शाकाहार (कुछ दोहे )*
शाकाहार (कुछ दोहे )
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( 1 )
मुर्गी खाते मार के ,कुछ को अंडा-रोग
जिह्वा-रस सबसे बड़ा ,उनको केवल भोग
( 2 )
मुर्गी में अंडा बसा , अंडा मुर्गी मान
मुर्गी के है क्या बिना, अंडे की पहचान
( 3 )
हत्या जिसमें जीव की , अंडा-मुर्गी एक
खाओ फल या सब्जियाँ, भोजन यह ही नेक
( 4 )
दूध दही फल बल-भरे ,ताकत के भंडार
सात्विक इनकी चेतना ,जीवन के शुभ सार
( 5 )
अपने जीवन के लिए ,लेते पशु की जान
जानें वह यह वेदना ,सब में एक समान
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451