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16 Aug 2022 · 1 min read

कोई रास्ता मुझे

हम अपनी ज़िंदगी में
मुसलसल सफर रहे।
कोई रास्ता मुझे
मेरी मंज़िल न दे सके ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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