Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
16 Jun 2016 · 1 min read

पानी आँखों में ठहरा दिखाई देता है

पानी आँखों में ठहरा दिखाई देता है
सीने में ज़ख्म गहरा दिखाई देता है

अजीब दर्द लिए फिर रहा हूँ सीने में
पुराना है मगर हरा दिखाई देता है

घर की हर बात सुर्ख़ियों में रहती है
किसी का घर पहरा दिखाई देता है

रोता हूँ देख के हालात अब अपने
आईने में तेरा चेहरा दिखाई देता है

घबरा के छिप जाता है अंधेरों में
साया मुझे डरा-डरा दिखाई देता है

ज़िंदा है इसलिए की बाकी जान है
भीतर से पुरव सहरा दिखाई देता है

Loading...