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11 Jul 2022 · 1 min read

बदल गए अन्दाज़।

बदल गए अन्दाज़,,,
बदल गए अल्फाज़!!!
तुम तुम ना रहे,
हम हम ना रहे,
बाकी रहा ना वो प्यार!!!

दर दर घूमा हूं तेरी खातिर,,,
लेकर बंजारों सा हाल!!!
तुम मिले भी,
तो यूं मिले,
जैसे हम तुम हो अंजान!!!

दूसरो की नज़र छोड़ो,,,
खुद को लगता हूं बेकार!!!
ऐसा लगे जैसे चल रहे थे,
अभी तक रेत पर हम,
तूफां ने आके मिटाए सब निशान!!!

दिल खुद कफील हुआ गम में,
बदल गए इसके सारे अहसास!!!
शिकवा शिकायत क्या करे,
क्या कहे हम किसी से,
डरते है वो हो जायेगा बदनाम!!!

ताज मोहम्मद
लखनऊ

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