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29 Jun 2022 · 1 min read

#सब धर्मों से बड़ी है मानवता#

# कहां खो गई मानव की मानवता#

धर्म हमारा हर प्राणी का,
करना, सम्मान सिखाता है।
मानव सेवा सच्ची सेवा ,
हम सबको ए बतलाता है।

एक दूजे का गला काटना,
मजहब कहां सिखाता है।
अल्लाह भी नेकी की राह पे,
चलना तुम्हे सिखाता है।

धर्म और मजहब के नाम पे,
कैसी आग लगाई है।
देख क्रुरता इन्सानों की,
मानवता शरमाई है।

मेरा ईश्वर ,तेरा अल्लाह,
उन्हीं के दिल में बसता है।
जो मन के सच्चे होते हैं,
दिल जिनका सुन्दर होता है ।

परोपकार करने की भावना,
जिस प्राणी के दिल में हो‌।
दया और प्रेम का सागर ,
जिसके मन मे उमड़ता हो।

दूजे के दुख में खड़ा रहे,
वो सच्चा मानव कहलाता है।
धर्म हमारा हर प्राणी का ,
आदर करना सिखाता है।

मानवता से बढ़कर कोई,
धर्म नहीं होता प्यारे।
देश प्रेम से बढ़कर कोई,
प्रेम नहीं होता प्यारे।

देश की रक्षा के खातिर,
अपना सर्वस्व लुटा देगें।
किसी देश के भी आगे,
सर भारत का ना झुकने देगें
जय हिन्द ।
जय भारत ।

रूबी चेतन शुक्ला
अलीगंज
लखनऊ

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