Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
25 Jun 2022 · 1 min read

पहचान

मन मेरा चाहत तुम्हारी, दिल मेरा अरमान तुम्हारा।
आंख मेरी आंसू तुम्हारे, जिस्म मेरा सांसे तुम्हारी।
फिर भी वो कहते हैं कि हम पहचान ना पाए तुम्हें ।
कोई जाकर पूछे तो उनसे कि अब भी कुछ बाकी था जो पहचान ना पाए तुम हमें।।

Loading...