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7 Jun 2022 · 1 min read

मां की पुण्यतिथि

नहीं भूल पाएंगे मां तुमको, तुम हो अमर कहानी।
हो ईश्वर का रूप धरा पर, भगवान ने महिमा जानी।।
त्याग तपस्या की मूरत, मां है अकथ कहानी।
प्रेम और बात्सल्य की सूरत, मां है जानी मानी।।

मां सचमुच तुम्हारे जाने के बाद पता चला मां क्या होती है? हमें बड़े हो जाने का गुरूर था और आपको मां होने का। अब हमें समझ आ रहा है कि बेटा कितना भी बड़ा हो जाए मां के लिए तो वह छोटा बच्चा ही रहता है। मेरी 57 साल की उम्र तक खाने पीने की चीजें है पीछे लेकर घूमना, भले में तुम्हारे ऊपर झल्लाता रहूं पर तुमने कभी हार नहीं मानी। छोटे बच्चों जैसी चिंता करना, लेट हो जाने पर दरवाजे की ओर ध्यान लगाए रखना, बीमार पड़ जाने पर रात रात भर जागना, बचपन से लेकर अब तक सब याद आ रहा है। किसी ने सही कहा है कि जब कोई अमूल्य अतुल्य कृपा हमारे पास रहती है, तब तक हमें उसकी महिमा का इतना एहसास नहीं हो पाता लेकिन चले जाने पर पता चलता है की मां तो साक्षात धरती पर ईश्वर ही थी, जो तुम्हारे दिन रात सेवा सुश्रुषा करती रही ८० की उम्र तक बिना थके। अब जाने के बाद ठंडी आहें, निशब्दता और यादों के सिवा कुछ नहीं। अब तो अंतिम सांस तक वह ममतामयी चेहरा नहीं भूल पाएंगे। उनके श्री चरणों में कोटि-कोटि नमन।

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
Tag: लेख
5 Likes · 6 Comments · 1130 Views
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