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25 May 2022 · 1 min read

सत्य कभी नही मिटता

सत्य आजकल दब रहा है
झुठी – झुठी बातों से,
होठों ने भी सीख लिया है
हँसना झुठी बातों पर।

जीवन के इस चौसर पर
हार रहे है सत्यवादी,
झूठो का है बोल – बाला
सब खुद को कहते है अहिंसावादी।

सत्य बोलने वाले आजकल
हो रहे हर जगह परेशान,
झुठ बोलने वाले को मिलता
वाह – वाह क्या सम्मान।

मौके देख बदल जाते है
आजकल अक्सर लोग,
जो खुद को करीबी बताते थे
वहीं लगा रहे अभियोग।

अपनी भोग खातिर आजकल
लोग सत्ता बदलने लगे है,
जीतने के लिए हर दिन आजकल
नए – नए प्रयोग करने लगे।

जो कल तक बड़ी – बड़ी बातें कर
लोगों से माँगते थे सहयोग,
आज वहीं कहने लगे है
जेब में अगर पैसा हो तो
पीछे घूमते है दस लोग।

कोई उन्हें कैसे समझाएँ
झूट के पाँव नहीं होते है।
सत्य चाहे कितना भी गहरा,
क्यों नही दफन हो,
एक नही एक दिन बाहर
निकल कर आ जाता है।

इसलिए कहा जाता है :
सत्य को कितना भी छुपा लो
वह कभी नही छुपता है,
लाख मिटा लो सत्य को
वह कभी नहीं मिटता है।

~ अनामिका

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