मैं वो हूं
मैं वो हूं……..
मेरे जज़्बात जो कभी खुल कर निकल ना पाए
मेरे आंसू जो दिल टूटने पर कभी बह ना पाए
मेरे सपनें जो आंखों में टूट कर सिमट गए
मेरी सीने की धड़कन जो कभी थम ना पाई
मेरी आवाज़ जो कभी चिल्लाना ना सीख पाई
मेरी नज़र जो कभी खुद का दीदार ना कर पाई
मेरी गलतियां जो की ही फिर भी सुनना पड़े
मेरे अन्दर के दर्द जो खुद ही बेवजह सहना पड़े
मेरी जिन्दगी जो खुद की इच्छा बिन जीना पड़े
शिव प्रताप लोधी