चित्रांश रजनीश राज बृजवासी जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर
परम श्रृद्धेय चित्रांश रजनीश राज बृजवासी जी को समर्पित कुछ दोहे
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काव्य-पुरुष श्री राज को, करता अटल प्रणाम।
आप काव्य रचते रहो, हो सेवा निष्काम।।(१)
बृजवासी हैं जन्म से , मृदु सुभाव रजनीश।
छंदो के मर्मज्ञ हैं, सभी नवाते शीश।(२)
भाषा में लालित्य है, लिखते अनुपम छंद।।
सिरजन कर कविता-सुमन, बहा रहे मकरंद।।(३)
काव्य-पटल पर है लिखा,जगह-जगह रजनीश।
चित्र–चित्र में अंश है, सभी नवाते शीश।।(४)
नव अंकुर या विद्वजन , सबका करते मान।
ऐसे श्रेष्ठ कवीश का, सभी करें सम्मान।।(५)
ज्यादा क्या अब मैं लिखूं, बड़ी बात हो जाय।
हिमगिरि सा व्यक्तित्व है, नाही चित्र समाय।(६)
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अटल मुरादाबादी