हर इक रंग बस प्यास बनकर आती है,
खोले हैं जज्बात के, जब भी कभी कपाट
होते हम अजनबी तो,ऐसा तो नहीं होता
वह फिर से छोड़ गया है मुझे.....जिसने किसी और को छोड़कर
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
"युद्ध नहीं जिनके जीवन में, वो भी बड़े अभागे होंगे या तो प्र
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
बाबा भोले भंडारी भजन रचनाकार अरविंद भारद्वाज
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत
बेजमीरों के अज़्म पुख़्ता हैं
ज्ञान का अर्थ अपने बारे में होश आत्मबोध
श्री गणेश भगवान की जन्म कथा
पता नहीं लोग क्यूँ अपने वादे से मुकर जाते है.....
हमें कोयले संग हीरे मिले हैं।