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16 May 2022 · 1 min read

महगाई रोक पाना मुश्किल सा लग रहा है।

काफिया- आना
रदीफ़- मुश्किल सा लग रहा है।

221…..2122……221……2122
महगाई रोक पाना मुश्किल सा लग रहा है।
मुफलिस का रहना खाना मुश्किल सा लग रहा है।

महगा हुआ सिलेंडर पेट्रोल और डीजल,
अब इनका नीचे आना मुश्किल सा लग रहा है।

महलों के साथ रहती टूटी सी झोपड़ी भी,
अब इनका दोस्ताना मुश्किल सा लग रहा है।

रुजगार छिन रहे हैं हर चीज अब बिकेगी ,
जीवन गुजार पाना मुश्किल सा लग रहा है।

जो दृष्टिहीन पूरे पर नाम है नयनसुख,
अब आइना दिखाना मुश्किल सा लग रहा है।

हो शांति सब जगह तब हर शख्स चैन पाए,
ऐसा शमां सुहाना मुश्किल सा लग रहा है।

सब प्रेम बांटे सबको इंसान हैं अगर हम,
अब प्यार से भी रहना मुश्किल सा लग रहा है।

………✍️प्रेमी

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