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10 May 2022 · 1 min read

साजन जाए बसे परदेस

दुल्हन से मैं बिरहन हो गई
साजन जाए बसे परदेस
किसके हाथ पिया को भेजूं
घर लौटन दा संदेश

किसके ख़ातिर पहनूं चूड़ी
कौन सुनेगा खनक चुड़िन दी
किसके ख़ातिर झुमका पहनूं
और लगाऊं माथे बिन्दी
किसके ख़ातिर सिंगार करूं मैं
और संवारूं केश…
साजन जाए बसे परदेस
दुल्हन से मैं बिरहन हो गई
साजन जाए बसे परदेस
किसके हाथ पिया को भेजूं
घर लौटन दा संदेश…

अंसुअन डूबी अखियां देखें
राह पिया की राह पिया की
हिचकी के संग सिसकी आवैं
कहत बने नहिं पीर हिया की
दर्पण टूटा देख के मेरा
बिरहन वाला भेष…
साजन जाए बसे परदेस
दुल्हन से मैं बिरहन हो गई
साजन जाए बसे परदेस
किसके हाथ पिया को भेजूं
घर लौटन दा संदेश…
साजन जाए बसे परदेस

शिवकुमार बिलगरामी

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