Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2024 · 1 min read

सब बन्दे हैं राम के

कभी किसी का हक मत छीनो, सब बन्दे हैं राम के
बनो राम के चाकर, चाकर बनो न तन धन धाम के

सबका मान करो आदर दो
सबमें रमता राम है
नाम किसी का कुछ भी हो
हर नाम राम का नाम है
हर नर को नारायण मानो, पीछे पड़ो न नाम के

जो भी काम मिले कर डालो
समझ राम का काज है
काज राम का करने में क्यों
आती तुमको लाज है
हर शुभ काम जुड़ा रहता है साथ नेक परिणाम के

सेवा करो बड़े-बूढ़ों की
गंगा की गोपाल की
रक्षा करो पेड़-पौधों की
डाल-डाल की छाल की
बनो देश सीमा के प्रहरी, प्रहरी बनो न चाम के

बनो सिपाही मानवता के
रक्खो खबर जहान की
बिना झिझक के अर्पित कर दो
जहां जरूरत जान की
अपने यश का ध्वज फहराकर लायक बनो प्रणाम के

महेश चन्द्र त्रिपाठी

Language: Hindi
Tag: गीत
101 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महेश चन्द्र त्रिपाठी
View all

You may also like these posts

मौन
मौन
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*रे इन्सा क्यों करता तकरार*
*रे इन्सा क्यों करता तकरार*
Dushyant Kumar
प्यार किया हो जिसने, पाने की चाह वह नहीं रखते।
प्यार किया हो जिसने, पाने की चाह वह नहीं रखते।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
लोग आसमां की तरफ देखते हैं
लोग आसमां की तरफ देखते हैं
VINOD CHAUHAN
मैं उनकी ज़फाएं सहे जा रहा हूॅं।
मैं उनकी ज़फाएं सहे जा रहा हूॅं।
सत्य कुमार प्रेमी
मैं निकल पड़ी हूँ
मैं निकल पड़ी हूँ
Vaishaligoel
*** कभी-कभी.....!!! ***
*** कभी-कभी.....!!! ***
VEDANTA PATEL
"ज्ञान रूपी आलपिनो की तलाश के लिए चूक रूपी एक ही चुम्बक काफ़ी
*प्रणय*
दीपावली का आध्यात्मिक और ज्योतिषीय पक्ष
दीपावली का आध्यात्मिक और ज्योतिषीय पक्ष
इंजी. संजय श्रीवास्तव
चांद निकलता है चांदनी साए को तरसती है
चांद निकलता है चांदनी साए को तरसती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
महिला प्रतीक है स्वाभिमान का
महिला प्रतीक है स्वाभिमान का
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
3060.*पूर्णिका*
3060.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
राम नाम सत्य है
राम नाम सत्य है
Neeraj Pandey
बात करोगे तो बात बनेगी
बात करोगे तो बात बनेगी
Shriyansh Gupta
दुनिया धूल भरी लगती है
दुनिया धूल भरी लगती है
Rambali Mishra
रूप श्रंगार
रूप श्रंगार
manjula chauhan
" मैं "
Dr. Kishan tandon kranti
हवस का सूरज।
हवस का सूरज।
Kumar Kalhans
चुभन
चुभन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दोहा पंचक. . . . . आभार
दोहा पंचक. . . . . आभार
sushil sarna
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
Shweta Soni
गज़ब का शोर मचता है,
गज़ब का शोर मचता है,
श्याम सांवरा
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
कभी न दिखावे का तुम दान करना
कभी न दिखावे का तुम दान करना
Dr fauzia Naseem shad
हौसला कभी टूटने नहीं देना , फ़तह  हौसलों से होती है , तलवारो
हौसला कभी टूटने नहीं देना , फ़तह हौसलों से होती है , तलवारो
Neelofar Khan
पुरुष जितने जोर से
पुरुष जितने जोर से "हँस" सकता है उतने जोर से "रो" नहीं सकता
पूर्वार्थ
अगर कभी तुम्हारे लिए जंग हो जाए,
अगर कभी तुम्हारे लिए जंग हो जाए,
Jyoti Roshni
चंदन माटी मातृभूमि का
चंदन माटी मातृभूमि का
Sudhir srivastava
अपना-अपना भाग्य
अपना-अपना भाग्य
Indu Singh
चोपाई छंद गीत
चोपाई छंद गीत
seema sharma
Loading...