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2 May 2022 · 1 min read

ईद का चांद तो तुम्हे दिखाना ही पड़ेगा

ईद का चांद तो तुम्हे दिखाना ही पड़ेगा।
आस्मां को ज़मीं पर तो झुकाना पड़ेगा।।

कब तक रखोगे तुम दो दिलो को अलग।
कभी न कभी तो उनको मिलाना पड़ेगा।।

कब तक रखोगे खूबसूरत चेहरा छिपाकर।
कभी न कभी तो उसको दिखाना पड़ेगा।।

ईद आई है तो उसे गले लगाना ही होगा।
कुछ न कुछ तो उसे हमे दिलाना पड़ेगा।।

जुदा कर दिया है इस कोरोना ने हमको।
एक दिन तो उसको हमे मिलाना पड़ेगा।।

बहुत देख ली हमने तुम्हारी हरकतों को।
कभी न कभी तुम्हे सबक सिखाना पड़ेगा।।

उम्मीद रखो सुबह को उजाला तो होगा।
रस्तोगी कहता है अंधेरे को जाना पड़ेगा।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

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