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21 Mar 2022 · 1 min read

ज़िन्दगी पा के

ज़िंदगी पा के
तुझको खोया है।
सोच कर दिल भी
मेरा रोया है ।
अहमियत उससे
पूछो ख़्वाबों की।
नींद जो अपनी
कभी न सोया है।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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