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21 Mar 2022 · 1 min read

जीवन से जैसे कोई

जीवन से जैसे कोई जब रूठने लगे ।
धैर्य जब साथ न दे मन टूटने लगे ।।

हृदय की स्थिति की पीड़ा न पूछिये ।
हाथों से डोरी प्रीत की जब छूटने लगे ॥

‘प्रतीत होंगे तुझको तुझमें भी हम कहीं ।
मुझको भी मेरी भांति तू अगर सोचने लगे ॥

स्मरण करूं न तुझको जीवन में मैं पुनः ।
बस एक विचार से ही मन डूबने लगे ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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