Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
16 Nov 2021 · 1 min read

नेताक प्रेम याचना

#नेताक प्रेम याचना
#डा0जय नारायण गिरि”
इन्दु”
***** ***** *****
हम जतवे अहांकें प्रपोज करै छी
अहां ततवे से प्रिय अपोज करै छी

हम मोदी सन हृदय कें मोम कयने छी
अहां ममता बनर्जी इंगोर बनल छी

सुन्दर संवरल अहां छी मयूरी जकां
जय ललिताअहां हम कर्पूरी जकां

हम किसानक उपज सन नरम भेल छी
अहां पेट्रोलकें भाव सन गरम भेल छी

हम मनकें अपन लॉकडाउन कयने छी
अहां अनमन कोरोना,कि नाच कैने छी

हम बजट जकां सभ टा कें राखि देने छी
अहां कालाधन अनमन नुका नेने छी

हम अपन उपलब्धि उगावऽ चाही
कटमोशन सँ अहां डुबावऽ चाही

अहां वुझै छी हमरा गुलामी जकां
अहां वादा करै छी चुनावी जकां

नै लागी कनेको पड़ोसी जकां
बाट बदली अहां धार कोशी जकां

रातिमे जँ हम सूती विला जाइछ नीन्ह
अहां कनही विलाइकें बथाने अछि भिन्न

लट लहरै अहां केर नागिन जकां
अहां गुम्हरै छी हमरा पर वाघिन जकां

कृपलानी छी हम,आ सुचेता अहां
मिलन मे तखन फेर वाधा कहां?
~~~~~~~~~~~

Loading...