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3 Jul 2021 · 1 min read

शहर जा के का पइबअ

शहर जा के का पइबअ

गँउंवे में सगरी बहार हो
शहर जा के का पइबअ
इहें मिली ताजा बयार हो
शहर जा के का पइबअ

शहर में जइबअ त एने ओने धइबअ
बा लोगवा अपार रोजगार कहाँ पइबअ
चिंता से बथी कपार हो-
शहर जा के का पइबअ
इहें मिली… शहर जा…

गाँव तरे शहर में पेड़ बा ना पौधा
चिरई-चुरुङ्ग ना ओकनी के घरौंधा
ना बाटे गँउंवा के प्यार हो-
शहर जा के का पइबअ
इहें मिली… शहर जा…

सुनअ सुनअ भाई हो शहर में जा के
बिसारि ना पइबअ तू पीपरा के
मन लागी कइसे तोहार हो-
शहर जा के का पइबअ
इहें मिली… शहर जा…

– आकाश महेशपुरी

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