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18 Feb 2022 · 1 min read

थक गया हूं जिन्दगी

थक गया हूं जिन्दगी
अब राह कुछ तो दे

गिर गया हूं मैं
तू फिर से उठा दे

करना था सपना पूरा
पर हुआ कुछ नहीं

टूट गया सपना
बचा कुछ नहीं

ये जिन्दगी तुझसे
मैं हारा इस कदर

टूटा हूं इस कदर
बिखरा हूं इधर उधर

✍️✍️ Dheerendra Panchal (Dheeru)

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