Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
17 Feb 2022 · 1 min read

पुलवामा दिवस (वेलेंटाइन डे)

मां भारती की करूण पुकार

भूले हो न भूल पाओगे
क्या प्रेम दिवस मनाओगे
कैसे जख्म सह जाओगे
मां करती पुकार
क्रदंन सुन पाओगे

लहू से धरती भीगी थी
दाग कैसे छुड़ाओगे
देश की आंखे भीगी थीं
अश्रुधार कैसे भुलाओगे

लाशों को देख जो दिल छलनी हुआ
उस दिल को कैसे समझाओगे
जिस देश प्रेम मे जान गई
वो देश प्रेम कैसे भुलाओगे

अपनो की शहादत कैसे बयां करोगे
दर्द कैसे छुपाओगे
परिवार वालों को हौसला
आखिर कैसे दिलाओगे

सामने से आते, एक दस को मारता
घात पीछे से छुप कर की
नपुसंक नाकारे नामुराद
तुम्हे सबक मेरे बेटे सिखायेंगे

स्वरचित
मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर

Loading...