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3 Feb 2022 · 1 min read

रुठो तो मान भी जाया करो

कैसे कह दूं जो सच नहीं है
कि आज तू मेरे दिल में नहीं है
मेरी तो सांसें भी चल रही तबतक
तू जबतक मेरे दिल में बसी है।।

अपनों से तो ऐसे रूठा नहीं करते
हो नहीं पास तुम, बस यही कसक है
जैसे भी है हम तेरे है आज भी
तुमने क्यों पाली ऐसी ये ठसक है।।

है ज़िंदगी छोटी बहुत
रूठो तो जल्दी मान भी जाया करो
पल पल बीत रहा है जो
है बहुत कीमती, ये वक्त ज़ाया न करो।।

दिल की बात दिल में दबाते नहीं है
कभी रोशनी को राह दिखाते नहीं है
मुश्किल से मिलते सच्चे साथी यहां
अपनों को इतना आज़माते नहीं है।।

जो भी है गिला कह दो हमसे
अब एक पल भी दूर रहो न हमसे
कैसे मनाऊं अब मैं तुम्हें
ये भी तुम ही अब कह दो हमसे।।

रूठता है तू जब, रूठती है ज़िंदगी
फिर बस तुझे ही ढूंढती है ज़िंदगी
तेरे साथ होने पर ही फिर कहीं जाकर
दोबारा संभलती है ये मेरी ज़िंदगी।।

है प्यार असीमित, लेकिन जीवन क्षणिक है
इसलिए रूठने के बाद मान जाना भी चाहिए
समझ जाओ खुद ही मेरी हालत अब
तुम्हें मेरे दिल में अब तो आना ही चाहिए ।।

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