Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
15 Jan 2022 · 1 min read

दुष्कर्म

न्यायापालिका सर्वोच्च
न्यायापालिका निष्पक्ष
ये न केवल तथ्य
बल्कि आम-जन का विश्वास
कहीं और सुनवाई हो न हो
कहीं और न्याय मिले न मिले
न्यायालय मे सुनवाई होती है
न्याय मिलता है यही धारणा है।
पर कभी-कभी न्यायालय के न्याय
सत्य-मेव-जयते को झुठला कर
चौंकाने वाले होते है।

केरल की नन का यौन शोषण
डायोसिस के विशप ने कई बार किया
चर्च प्रशासन ने कुछ न किया
पुलिस रिपोर्ट से कार्यवाही हुई
केस मे तिरासी गवाह तीस एवीडेन्स
दो सौ पन्नो की चार्ज शीट दाखिल हुई
इसके बावजूद भी दोषी बाइज्जत बरी हुआ।
अगर दुष्कर्मी को सजा हो जाती,
तो भारत मे कैथोलिक चर्च के बड़े पादरी को
सजा होती जो दुनियां को चौंका देती।
पर ऐसा नही हुआ।
क्या नन पर झूठे आरोप लगाने
के इल्जाम मे कार्यवाही होगी ?

ऐसा अगर किसी साधुसंत के मामले मे हुआ होता
तो निर्णय के पहले ही
वामपंथी सोंच वाला मिडिया
हिन्दुओं से नफरत करने वाले लोग
पहले ही आरोपी को दोषी करार दे देते।

स्वरचित मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर

Loading...