चिल्ला (गीतिका)
चिल्ला (गीतिका)
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पंद्रह पूस चलेगा चिल्ला
पच्चिस माघ पलेगा चिल्ला(1)
शुरू हुआ अब जाड़ा भाई
अब यह नहीं टलेगा चिल्ला(2)
चालिस दिन तक राज करेगा
उसके बाद ढलेगा चिल्ला(3)
सर्दी से मत घबरा जाना
देखो खूब फलेगा चिल्ला(4)
बाँटेगा यह जग को सेहत
नभ से जब निकलेगा चिल्ला(5)
रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा,
रामपुर (उत्तर प्रदेश)मो.9997615451