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24 Dec 2021 · 1 min read

बर्बाद व बर्बाद है, सच्चे सच्चे मित्र l

बर्बाद व बर्बाद है, सच्चे सच्चे मित्र l
आबाद व आबाद है, कच्चे कच्चे मित्र ll

वारिद, वर्षा जो सहज, सुखी होता प्रतीत l
ताड़ित गिरी गरज गरज , क्यों होता भयभीत ll

अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न

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