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10 Dec 2021 · 1 min read

मेरा पथ आप ही हो

फंसा हूं मैं माया के बन्धनों में
विषय भोगों में
पर मैं चलना चाहता हूं
आपके ही मार्ग पर
जकड़ा हु में मद लोभ में
विकारों विलासों में
लेकिन रहना चाहता हूं
आपके ही सानिध्य में
जुड़ा हूं इस संसार की नश्वरता से
पर आपके ही अविनासी रूप में
विलीन हो जाना चाहता हूं
क्यूंकि मेरा पथ आप ही हो

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