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8 Dec 2021 · 1 min read

हादशे जब बने हकीकत.

एक तैराक,, इसलिए डूब गया,
गहराई से वंचित और प्यासा था.
जल में था, तैनात,, हर उलझन से वाफिक.
मगर डूब गया, इत्मिनान से ,
ये सवाल छोडकर,
हर कलाकार की ख्वाहिश होती है.
रंगमंच बने, मेरे आखरी नाजुक पल.

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