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8 Dec 2021 · 1 min read

जिन्दगी की खामोशी टूटती है जब

जिन्दगी की खामोशी
टूटती है जब
मौत उसके दरवाजे पर
देती है दस्तक और
उसके सामने खड़ी होती है
यह होता है वह पल जब
खामोशी शोर मचाना
चाहती है
बहुत सारी बातें करना
चाहती है
कितना कुछ अनकहा
अब कहना चाहती है
पर समय रहते जो
न किया तो
अब समय और
कैसे मिले
मौत जिन्दगी को
घसीट के ले जाती है
इस बार उसे
सच में ही खामोश
करती हुई।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

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