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2 Dec 2021 · 1 min read

जख्म है सीने के लिए।

अगर कोई गम है तो दे दो मुझे जीने के लिए।
मेरे पास वैसे भी बहुत जख्म है सीने के लिए।।1।।

तेरी जुदाई ने हीे करा दी दोस्ती मेरी शराब से।
मैं कोई शराबी नही हूं मयखाने में पीने के लिए।।2।।

आदम का पुतला हूँ तो ऐसे सांसे तो लूंगा ही।
वरना अब ख्वाहिश नही है मरने जीने के लिए।।3।।

तेरी चाहत की कशिश ने ही ज़िंदा रखा है मुझे।
वरना अब वह दिल कहाँ रिश्ता निभाने के लिए।।4।।

चल चले हम शामिल हो जाये सफर में उनके।
वह कारवाँ पैदल ही जा रहा है मदीने के लिए।।5।।

अच्छे से समझा दो उसको यहाँ के रीती रिवाज़।
अक्सर डांट खाता है वह अपने तौर तरीके के लिए।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

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