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2 Dec 2021 · 1 min read

ग़ज़ल-राना लिधौरी

ग़ज़ल-भा गया कोई

मेरे दिल को जो भा गया कोई।
आग ऐसी लगा गया कोई।।

चैंन दिल का वो छीनकर मुझसे।
नींद मेरी उड़ा गया कोई।।

वादे पे वादे करे रोज़ ऐसे।
बन के नेता जो आ गया कोई।।

फ़ूल में रहती है खुश्बू जैसे।
मेरे दिल में समा गया कोई।।

गर्म रेगिस्तान में ऐसा लगा है।
घटायें बनके छा गया कोई।।

ईद का चांद हो गया ‘राना’।
झलक अपनी दिखा गया कोई।।
***

© राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक-“आकांक्षा” हिंदी पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ बुंदेली पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
*( राना का नज़राना (ग़ज़ल संग्रह-2015)- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ के ग़ज़ल-48,पेज-56 से साभार

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