Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
26 Nov 2021 · 1 min read

जा ! जा ! देखे तेरे जैसे कितने ढोंगी !!!

ढोंगी देखे मैंने कितने तेरे जैसा ढोंगी ना देखा ,
दुनिया नचाई मैंने ऊँगली पर तुझ जैसा ओछा ना देखा , मलाई खाई मैंने दूध पिलाई सबको ,
तुहि चरने आई बनके मेरी हरिजाई ,
न तो तू ठाठ ,न तो तू रानी मेरी फिर कैसी है तेरी जवानी , मटक मटक कर चलती हैं क्या बोल ना अपनी जुबानी ,
क्यो मासूम बनती हैं छल लेती हैं ,जीवन सबका ,
तुझे हाय नही आता किसी के प्रकोप से ,
बड़ी आई , सुधारने वाली !
जा ! देखे तेरे जैसे कितने , रोज मिलते हैं बाज़ार में ,
चल ! भाग हरिजाई ।

मैं तो ठहरा सीधा साधा प्रेम का बन्दा ,
तू तो निकली डाकिनी ,बेच आई मेरा दिल कूड़े के भाव मे
,अरे हरिजाई !

तुझे देते न बनता गाली ,घोट गया सब मैं पानी ,
जा ! जा ! देखे तेरे जैसे चौटीन , ढोंगी है तू ढोंगी ,
पहचान न पाया मेरा स्वच्छ दिल तुझ जैसे डाकिनी को ,
जा !जा ! हरिजाई देखे तेरे जैसे कितने ढोंगी ।।।
?

Loading...