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17 Oct 2021 · 1 min read

एकता

कहीं दर्द का नाम नहीं हो
मजहब पर कत्लेआम नहीं हो l
घर-घर फैले प्रेम-अहिंसा
नफरत का कोई काम नहीं हो ll
आओ मिलकर शपथ उठाएं
ऐसा एक नवभारत बनाएं l
आजादी की अमृत-उत्सव पर
एकता का हम दीप जलाएं ll

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