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10 Oct 2021 · 1 min read

सदा आगे बढ़ना

घिरे हो जब अंधकार से तुम,
पुनः उजाले की आस न छोड़ना।
धीरे-धीरे ही सही बढते रहना आगे,
मन मार कर तू कभी न बैठना।

“एक प्रयास और”की ज्योत जगाकर,
हिम्मत करके तुम खुद को समझना।
मिलेंगे धक्के फिर तेरे मंजिल के लिए,
बिना विचलित बस तू आगे बढ़ना।

‘तुम-सा श्रेष्ठ कोई नहीं है’
मन ही में तुम यही दुहराना।
बाधाएं तेरे जिंदा होने का संकेत हैं,
बस इनसे तू कभी मत घबराना।

होंगे सारे अधूरे ख्वाब तेरे पूरे,
सत्य से तू न कभी कतराना।
विपदाओं की औकात जो तुझे हराए,
इसमें ही बनना तू अपना आशियाना।

‘जरूर जीत लेगा तू ये दुनिया’,
सदा इसमें तू विश्वास रखना।
सफर में मिलेंगे करोड़ो लोग तुझे,
उनसे हारकर मन्जिल की आस न खोना।

✍️✍️✍️खुशबू खातून

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