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19 Sep 2021 · 1 min read

दोहे

‘सूर्य’ तिरंगा हाथ में, रहे तुम्हारे मीत।
अधरों पर सजते रहें, देशप्रेम के गीत।१।

देशप्रेम की भावना, जहाँ नहीं है मीत।
‘सूर्य’ सदा उस मुल्क को, दुश्मन जाते जीत।२।

‘सूर्य’ तिरंगे को नमन, करना सौ-सौ बार।
जिसे झुका पाये नहीं, दुश्मन कई हजार।३।

व्यर्थ नहीं जाता कभी, वीरों का बलिदान।
कतरा कतरा खून का, लाता ‘सूर्य’ तुफान।४।

‘सूर्य’ सभी के भाग्य में, लिखी नहीं वह शान।
मातृभूमि पर शौक से, हो जाना बलिदान।५।

मातृभूमि को माँ समझ, जन-गण-मन से प्रीत।
धरती पर तुझको कभी, खुदा न पाएं जीत।६।

‘सूर्य’ तिरंगा हाथ में, अधरों पर जयगान।
सुन्दर लगता स्वर्ग से, अपना हिंदुस्तान।७।

नमन तिरंगे को करो, ‘सूर्य’ सदा दिन-रात।
बड़ी निराली है सखे, तीन रंग की बात।८।

‘सूर्य’ शहीदों को नमन, मेरा आठों याम।
देश-प्रेम होता सदा, सबसे पावन काम।९।

जबतक सूरज चांद हैं, अम्बर में अविराम।
‘सूर्य’ शहीदों का सदा, अमर रहेगा नाम।१०।

‘सूर्य’ वतन के नाम पर,जो होते बलिदान।
दुनिया करती है सदा, शदियों तक सम्मान।११।

दुनिया करती है सदा, वीरों का सम्मान।
‘सूर्य’ तिरंगे के लिए,जो होते बलिदान।१२।

(स्वरचित मौलिक)
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य
तुर्कपट्टी, देवरिया, (उ.प्र.)
☎️7379598464

Language: Hindi
1 Comment · 852 Views

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