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17 Aug 2021 · 3 min read

टोक्यो ओलंपिक 2021

टोक्यो ओलम्पिक की 2 महान घटनाएं जो स्वर्णिम इतिहास बन गईं।

पहली घटना

केनिया के सुप्रसिद्ध धावक अबेल मुताई आलंपिक प्रतियोगिता में अंतिम राउंड में दौडते वक्त अंतिम लाइन से कुछ मीटर ही दूर थे और उनके सभी प्रतिस्पर्धी पीछे थे।

अबेल ने स्वर्ण पदक लगभग जीत ही लिया था,,,

इतने में कुछ गलतफहमी के कारण वे अंतिम रेखा समझकर एक मिटर पहले ही रुक गए।

उनके पीछे आनेवाले #स्पेन के इव्हान_फर्नांडिस के ध्यान में आया कि अंतिम रेखा समझ नहीं आने की वजह से वह पहले ही रुक गए।

उसने चिल्लाकर अबेल को आगे जाने के लिए कहा लेकिन स्पेनिश नहीं समझने की वजह से वह नही हिला।

आखिर मे इव्हान ने उसे धकेल कर अंतिम रेखा तक पहूंचा दिया ।

इस कारण अबेल का प्रथम तथा इव्हान का दूसरा क्रमांक आया।

पत्रकारों ने इव्हान से पूछा तुमने ऐसा क्यों किया ?

मौका मिलने के बावजूद तुमने प्रथम क्रमांक क्यों गंवाया ?

इव्हान ने कहा “मेरा सपना है कि हम एक दिन ऐसी मानवजाति बनाएं जो एक दूसरे को मदद करेगी ना कि उसकी भूल से फायदा उठाएगी।

मैने प्रथम क्रमांक नहीं गंवाया।

पत्रकार ने फिर कहा लेकिन तुमने कीनियाई प्रतिस्पर्धी को धकेलकर आगे लाए ।

इस पर इव्हान ने कहा “वह प्रथम था ही, यह प्रतियोगिता उसी की थी।”

पत्रकार ने फिर कहा ” लेकिन तुम स्वर्ण पदक जीत सकते थे” “तुम समझते हो उस जीतने का क्या अर्थ होता।

मेरे पदक को सम्मान मिलता ?

मेरी मां ने मुझे क्या कहा होता ?

संस्कार एक पीढी से दूसरी पीढी तक आगे जाते रहते है।

मैने अगली पीढी को क्या दिया होता ?

“दूसरों की दुर्बलता या अज्ञान का फायदा न उठाते हुए उनको मदद करने की सीख मेरी मां ने मुझे दी है।”

दूसरी घटना

टोक्यो ओलंपिक में पुरुषों की हाई जम्प फाइनल।

फाइनल में इटली के जियान मारको टेम्पबरी का सामना क़तर के मुताज़ इसा बर्शिम से हुआ।

दोनों ने 2.37 मीटर की छलांग लगाई और बराबरी पर रहे !

उसके बाद ओलंपिक अधिकारियों ने उनमें से प्रत्येक को तीन और प्रयास दिए,,,

लेकिन वे 2.37 मीटर से अधिक तक नहीं पहुंच पाए।

उन दोनों को एक और प्रयास दिया गया, लेकिन उसी वक़्त टाम्पबेरी पैर में गंभीर चोट के कारण अंतिम प्रयास से पीछे हट गए।

ये वो क्षण था जब मुताज़ बरशिम के सामने कोई दूसरा विरोधी नहीं था औऱ उस पल वह आसानी से अकेले सोने को जीत सकते थे !

लेकिन बर्शिम के दिमाग में कुछ घूम रहा था औऱ फ़िर कुछ सोचकर उसने एक अधिकारी से पूछा,,,

“अगर मैं भी अंतिम प्रयास से पीछे हट जाऊं तो क्या हम दोनों के बीच गोल्ड मैडल साझा किया जा सकता है ?”

कुछ देर बाद एक आधिकारी जाँच कर पुष्टि करता है और कहता है “हाँ बेशक गोल्ड आप दोनों के बीच साझा किया जाएगा”।

बर्शिम के पास और ज्यादा सोचने के लिए कुछ नहीं था ।

उसने आखिरी प्रयास से हटने की घोषणा की।

यह देख इटली का प्रतिद्वन्दी ताम्बरी दौड़ा और मुताज़ बरसीम को गले लगा कर चिल्लाया !
दोनों भावुक होकर रोने लगे।

लोगों ने जो देखा वह खेलों में प्यार का एक बड़ा हिस्सा था जो दिलों को छूता है।

यह अवर्णनीय खेल भावना को प्रकट करता है जो धर्मों, रंगों और सीमाओं को अप्रासंगिक बना देता है !!!

आज भी, इंसान का किरदार, किसी भी मैडल से बड़ा है ।

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