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12 Aug 2021 · 1 min read

गुलामी की जंजीरें

पहले गैरों ने , फिर अपनों ने पहनाई जंजीरें,
नहीं ,अभी नही बदली उसकी किस्मत की लकीरें ।
अफसोस है की गुलामी उसका नसीब बन चुका है,
काश ! कोई फरिश्ता ही आकर करे कुछ तदबीरें ।

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