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3 Aug 2021 · 1 min read

प्रेम का दीपक

राम तुम दीपक बन जाओ
रहीम तुम रोशनी बन जाओ

प्रेम का एक दिया मैं जलाऊं
प्रेम का एक दिया तुम जलाओ

एक नजरिया हो सब का

जैसे , हर दीपक की रोशनी एक
मजहब सबके हैं अलग मगर नागरिकता सबकी एक….

हिंदुस्तानी

उमेंद्र कुमार

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