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1 Aug 2021 · 1 min read

उम्मीद

सूरज की
हर सुबह
एक किरण उगे
मेरे मन में भी
हर रोज
उम्मीद की एक जलती उज्जवल लौ
लहराकर
मेरे गले मिले
जब तक मेरा जीवन है
यह उम्मीद की डोर
मेरे हाथ से कभी न छूटे
मेरी यह ख्वाहिश है
खुद के लिए नहीं
सबके लिए
यही रब से दुआ है कि
उम्मीद का दामन थाम
एक दूसरे की उम्मीद बन
सबका जीवन हंसता खेलता
जीवन के कठिन पथ पर
आगे बढ़ता रहे।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

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