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29 Jul 2021 · 1 min read

इंतजार है तेरा

आ तो गई पर मुझसे नहीं मिली!
क्या इतनी खफ़ा है मुझसे तू,

अब तो सब भूलाकर गले से लगा ले,
बक्श दे सबको,
चल ले चल मुझे अपनी दुनिया में

थक गया हूं मैं अब यहां ,
इन खामोशियों में ….
अपने अकेलेपन से दोस्ती निभाते हुए,

बड़ी शिद्दत से मुलाकात होती थी दोस्त से हमारी,

मगर आज मतलबी बनकर तुम्हारे साथ चलने की इच्छा है

उमेंद्र कुमार

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