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27 Jul 2021 · 1 min read

ख्वाईश

आखिर ख्वाइशों के पीछे कितना दौड़ा जाए ,
अब तो थक भी चुके हैं और उम्र बीती जाए ।
ख्वाइशों की तो कोई हद होती नहीं ,
कही ऐसा ना हो मेरी रूह परेशान हो जाए ।

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