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24 Jul 2021 · 1 min read

पावस

1

वर्षा सुन्दरी
झूम रही है बाँध
पैरों पायल

2

पड़े नभ से
अवनि पर कुछ
सकुचा कर

3

कभी खेलती
केश घटाएं फैला
उच्च गगन में

4

झनन झन
कर कभी झनके
पैर पाजेब

5

कभी दोड़ती
खेत खलिहानों में
कर गर्जन

6

चपला बन
सात रंगों में दिखे
इन्द्रधनुष सी

7

कभी फूटती
बन कर दामिनी
विस्तृत भू मि

8

देख वर्षा को
काले कजरारे से
मेघ भू आए

9

लाकर स्मित
मुस्कान मुख पर
उर को भाए

10

भीगी भीगी मैं
भीगी भीगी सखियां
भीगा पी प्यारा

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