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23 Jul 2021 · 1 min read

बख्शीश

बेहाल हैं वो लोग
जो खैरियत बख्शीश देने गये
कोई थे अजीज शख्स
गुजरने के बाद उनके.
मिजाज ए शोहरत कैसा है.
ले कर गये सबकुछ,
खजाने हवाले जहां के कर गये.

खिले है फूल
बंद डोडी
चढ़ती लताऐं
लगा पहुंच कर.

सादगी के बीज,
सींच कर गये,
जिंदगी पूर्ण जी कर गये.

डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस

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